लगता है वो अपनी तराजू कहीं खो बैठीं हैं....
तभी तो जहरीले शब्द बाण चलाय जा रहीं हैं
जिसके स्पर्श मात्र से ही हम घायल हो जाए....
पर सादगी उनकी इसकदर कि, हम कायल हो जाएं।
हां... हां। मालूम है, जहर दर्द है और दवा भी
पर मै ना तो वैद हूँ और ना बीमार भी ...
ठुकरा दो हमे।।।
तेरे हीं पास आएंगे..... ठोकर खा के भी
0 Comments